बिहार में जाति आधारित जनगणना का कार्य शुरू हो गया है। दो चरणों में जातीय जनगणना की जाएगी। पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी तक चलेगी। इसके बाद दूसरा चरण एक अप्रैल 2023 से 30 अप्रैल 2023 तक चलेगा। 21 जनवरी 2023 तक सभी घरों की गिनती कर ली जाएगी। इस दौरान हर मकान को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। घरों की गिनती पूरी होने के बाद जाति आधारित गणना की जाएगी। इस दौरान 26 सवाल पूछे जाएंगे। आर्थिक सर्वेक्षण का भी प्रयास किया जाएगा। जाति जनगणना का मुद्दा सामाजिक, राजनीतिक दृष्टि से खासा संवेदनशील माना जाता है। इसे लेकर कई सवाल उठते हैं, इसके पक्ष और विपक्ष में कई तर्क दिए जाते हैं। बिहार में जाति आधारित जनगणना की आवश्यकता क्यों है? इससे फायदा क्या होगा?
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