समसामयिक विषयों पर आधारित राज्य सभा टीवी की खास पेशकश आज की चर्चा में बात सुशासन दिवस की। जब-जब बात सुशासन दिवस की होती है, तो ज़हन में भारत के सबसे करिश्माई नेताओं में शुमार पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का नाम सबसे पहले सामने आता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी की जयंती को हर साल सुशासन दिवस यानि ‘गुड गवर्नेंस डे’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। एक ऐसा राजनेता जिनकी वाणी में जिनकी हर सोच, हर कदम, हर नीति में जनता के प्रति जवाबदेही थी। प्रधानमंत्री के रूप में जिनका सरोकार देश के आम नागरिक से था और सुशासन जिनका मूल मंत्र था। अपनी वाणी के ओज, अपनी मुस्कान से गैरो को भी अपना बना लेने वाले अटल बिहारी वाजपेई ने आम जनमानस के हितों से जुड़े कई ऐतिहासिक फैसले लिए पीएम-किसान निधि के तहत किसानों के खाते में अगली किस्त जारी करने के मौके पर प्रधानमंत्री ने अटल जी को याद करते हुए कहा कि अटल जी ने भी अपना पूरा जीवन राष्ट्र के प्रति अपने कर्म को पूरी निष्ठा से निभाने में समर्पित कर दिया. सुशासन को, गुड गवर्नेंस को अटल जी ने भारत के राजनीति और सामाजिक विमर्श का हिस्सा बनाया। गांव और गरीब के विकास को अटल जी ने सर्वोच्च प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हो या फिर स्वर्णिम चतुर्भुज योजना हो, अंत्योदय अन्न योजना हो या फिर सर्व शिक्षा अभियान हो. राष्ट्रजीवन में सार्थक बदलाव लाने वाले अनेक कदम अटल जी ने उठाए। आज जिन कृषि सुधारों को देश ने ज़मीन पर उतारा है, उनके सूत्रधार भी एक प्रकार से अटल बिहारी वाजपेयी भी थे। राजनीति से लेकर विदेश नीति सीमापार आतंकवाद हो या घरेलू मौर्चा,उन्होंने देश के समाजिक और आर्थिक विकास को ऐसा ताना- बाना बुना, जिसने देश की दशा और दिशा को बदल कर रख दिया। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को संसदीय इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाता रहेगा.
Categories: POINT IAS